NCF Foundational Stage 2022 

(राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा – बुनियादी स्तर 2022) 

20 अक्तूबर 2022 का दिन शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक दिन बन गया है। क्योंकि विगत कुछ वर्षों के प्रयास से जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को साकार किया जा सका है उसे अब देश ने अमलीजामा पहनाना प्रारम्भ कर दिया है। जिसका परिणाम है कि ‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा – फाउंडेशनल स्टेज 2020’ ( NCF for Foundational Stage) हमारे सामने है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि  NEP2020 में पूरे स्कूली ढांचा को चार चरणों में देखा गया है- 5+3+3+4 इन चरणों के माध्यम से बच्चों के सङ्ग्यानात्मक एवं भावात्मक विकास को केंद्र में रखा गया है। इन्हीं चरणों में से पहला चरण जिसमें 3 से 8 वर्ष के बच्चे आते हैं, के लिए इस NCF को बनाया गया है जो NEP 2020 के आधार पर विकसित किया गया है।

NCF 2022 Foundational Stage का उद्देश्य

यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परिकल्पित विज़न को प्राप्त करने के लिए बनाया गया है। जिससे कि पाठ्यक्रम एवं शिक्षाशास्त्र के माध्यम से समूची शिक्षा प्रणाली को सकारात्मक रूप से  बदला जा सके। इसका एक अन्य उद्देश्य यह है कि स्कूली शिक्षा में हो रहे वर्तमान अभ्यासों को बदलना भी है, जिससे न केवल विचारों में बल्कि बच्चों के समग्र अनुभवों को स्कूली शिक्षा में सीखने के लिए स्थान देना है। साथ ही उनके पर्यावरण एवं संस्कृति को शामिल करने के उद्देश्य से इस NCF 2022 को तैयार किया गया है।

NCF Foundational Stage 2022

एनसीएफ़ फाउंडेशनल स्टेज की विशेषता

इसकी पहली विशेषता है कि यह प्रारम्भिक बचपन की देखभाल और नवीनतम शोध पर आधारित है। दूसरी महत्वपूर्ण विशेषता है कि इसे शिक्षक, प्रधान पाठक, संकुल समन्वयक, संकुल प्रभारी (School Complex In-charge) विकासखंड संसाधन व्यक्ति, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, शिक्षक शिक्षक (Teacher Educator), परीक्षा बोर्ड एवं पाठ्यचर्या-पाठ्यक्रम-पाठ्यपुस्तक निर्माण समूह के समझने एवं उपयोग योग्य बनाया गया है।

दूसरी विशेषता यह है कि यह बताती है कि NEP 2020 में परिकल्पित विज़न के लिए बुनियादी स्तर पर बच्चों के साथ कैसे कार्य करना होगा साथ ही इस कार्य में समुदाय एवं अभिभावकों की क्या भूमिका हो।

तीसरी विशेषता इसकी प्रस्तुति शैली एवं संरचना है जो शिक्षक के लिए पठनीयता, पहुंच और प्रासंगिकता के उपरोक्त उद्देश्यों को सक्षम बनाता है।

चौथी विशेषता है कि इस एनसीएफ का उद्देश्य वर्तमान विशिष्ट संस्थान और शिक्षक की वास्तविकता का लेखा-जोखा रखना भी है, जो पूरी तरह से सर्वोत्तम-संसाधन संस्थानों की कल्पना के अनुरूप है।

एक अत्यंत महत्वपूर्ण विशेषता भी है जो इस एनसीएफ़ को खास बनाती है और जो भारतीय परंपरा का महत्वपूर्ण पत्थर (Keystone) है, वह है – पंचकोश । यह एनसीएफ़ इस पंचकोश पर पूरा विश्वास करती है।

पंचकोश क्या है? Panchkosh kya hai ? 

यहाँ हम केवल पाँच कोश के नामों का ही जिक्र करेंगे- इसमें पहला है- अन्नमय कोश अर्थात भौतिक परत, दूसरा है- प्राणमय कोश अर्थात जीवन शक्ति ऊर्जा परत, तीसरा है- मनोमय कोश अर्थात मन की परत, चौथा है- विज्ञानमय कोश अरथा बौद्धिक परत तथा पांचवा कोश है- आनंदमय कोश अर्थात आंतरिक स्व। भारतीय परंपरा के अनुसार बच्चा इन्हीं पाँच कोश का एक सम्पूर्ण प्राणी है।

फाउंडेशनल स्टेज में बच्चों को अतिरिक्त ध्यान देने की क्यों जरूरत है?

दरअसल दुनिया भर में शिक्षा (Education) तंत्रिका विज्ञान (neuroscience)और अर्थशास्त्र (economics ) पर हो रहे अनुसंधान यही साबित कर चुकी है कि 8 साल तक के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में अच्छा निवेश करना देश के भविष्य के लिए जरूरी है जिसे कोई भी देश कर सकता है। अनुसंधान यह भी कहते हैं कि बच्चों के प्रारम्भिक 8 वर्षों तक मस्तिष्क का विकास बहुत तेजी से होता है जो संज्ञानात्मक और सामाजिक-भावनात्मक विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। जिसे वे खेल – खेल में बेहतर विकास करते हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि इस उम्र का सीखना  जीवन भर सीखने का नींव साबित होती है जो एक अच्छा वयस्क जीवन के लिए जरूरी होता है।

इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि चाहे वह मस्तिष्क का विकास हो, स्कूल की तैयारी हो, सीखने का बेहतर परिणाम हो, देश की समृद्धि की बात हो हमें शिक्षा के Foundational Staege में अर्थात ECCE गुणवत्ता के लिए ध्यान देने की निवेश करने की जरूरत है। इसी बात को नई शिक्षा नीति में ज़ोर देकर कहा गया है।

Foundational stage बुनियादी स्तर में बच्चे कैसे सीखते हैं?

इसका जवाब एकदम आसान है बशर्ते अपने घरों में, अपने आसपास किसी बच्चे के विकास को ध्यान से देखा हो। आपने देखा होगा कि बच्चे बिलकुल भी शांत नहीं बैठते, वे हमेशा सक्रिय रहते हैं, सीखने को उत्सुक रहते हैं, इसीलिए बच्चों को Natural Learner कहा जाता है। उनमें बहुत जिज्ञासा होती है, जिसे वे छूकर, देखकर, चख कर अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं। इसी तरह वे एक साथ डेढ़ सारे सवाल करते हैं, वे बहुत खोजी होते हैं और समझने की कोशिश करते रहते हैं। 

इसी तरह बच्चे खेलों एवं गतिविधियों के माध्यम से सीखते हैं, खेल में वे स्वयं नियमों का निर्माण करते हैं, पहले से बने नियमों को खोज लेते हैं। यहाँ तक कि किसी प्रश्नों के उत्तर में उनका अपना तर्क शामिल होते हैं। भाषा, गणित एवं पर्यावरण अध्ययन आदि विषयों में जिन कौशलों को सिखाने का सायास प्रयास करते वे सभी कौशलों में बच्चे पारंगत होते हुए ही वे शाला में प्रवेश करते हैं, हमें सिर्फ ये समझना है कि हम उनके प्राकृतिक सीखने के कौशलों को समझें जिससे कि इनके विकास के सायास प्रयास को बुनियादी स्तर से ही प्रारम्भ करें। 

एनसीएफ़ फाउंडेशनल स्तर 2022 में इस बात का स्पष्ट जिक्र है कि इस स्तर पर सीखना एक सक्रिय और संवादात्मक प्रक्रिया है जिसमें बच्चे खेल के माध्यम से और अन्य बच्चों और अधिक अनुभवी अन्य लोगों के साथ बातचीत के माध्यम से सीखते हैं। बच्चे अपने सामाजिक और सांस्कृतिक अनुभवों में सक्रिय रूप से लगे रहते हैं, और वे अपनी धारणाओं और अपने अनुभवों को समझने के लिए लगातार नई जानकारी को समायोजित और उपयोग करते हैं।

Aims-Curricular Goals-Competencies-Learning Outcomes के मध्य संबंध

एनसीएफ़-फाउंडेशनल स्टेज (NCF Foundational Stage) पर हुए उपरोक्त सभी पैराग्राफ में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई है उसे जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने के लिए जरूरी है कि हम शिक्षा के उद्देश्यों, पाठ्यचर्या, दक्षताएँ एवं सीखने के प्रतिफलों के मध्य सम्बन्धों को समझें। यहाँ हम एक उदाहरण के साथ यह देखने का प्रयास करते हैं कि फाउंडेशनल स्टेज के लिए निर्धारित पाठ्यचर्या, दक्षताओं एवं सीखने के प्रतिफलों का शिक्षा के उद्देश्यों तक पहुँचने में कैसे मदद करती है।

शिक्षा के उद्देश्य

शिक्षा के उद्देश्यों को आमतौर पर शिक्षा नीति के दस्तावेजों में जिक्र किया जाता है। जैसा कि एनईपी 2020 हमें बताता है “शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य अच्छे नैतिक विचारों और मूल्यों के साथ, करुणा और सहानुभूति, साहस और लचीलापन, वैज्ञानिक स्वभाव और रचनात्मक कल्पना रखने वाले तर्कसंगत विचार और कार्रवाई में सक्षम अच्छे इंसानों का विकास करना है। इसका उद्देश्य हमारे संविधान द्वारा परिकल्पित एक समान, समावेशी और बहुल समाज के निर्माण के लिए लगे हुए, उत्पादक और योगदान करने वाले नागरिकों का निर्माण करना है।”

पाठ्यचर्या के लक्ष्य (Curricular Goals)

पाठ्यचर्या के लक्ष्य एक ऐसा कथन है जो पाठ्यचर्या विकास और उसके कार्यान्वयन के लिए दिशा प्रदान करती है  ये किसी खास चरण के लिए विशिष्ट होते हैं । एक पाठ्यचर्या लक्ष्य है। जो शिक्षा के उद्देश्यों से प्रेरित होते हैं।

दक्षताएँ Competencies

दक्षताएँ सीखने की उपलब्धियाँ (Achievements) जिसे देखा जा सकता है तथा मूल्यांकन किया जा सकता है जिसे हम पाठ्यचर्या के लक्ष्यों से प्राप्त करते हैं। जिसे किसी चरण के अंत में प्राप्त किया जाता है। जो पाठ्यचर्या के लक्ष्य से प्राप्त किए जाते हैं।

सीखने के प्रतिफल/परिणाम Learning Outcomes

ये सीखने के प्रतिफल शिक्षा के उद्देश्यों तक पहुँचने तक के सफर का पहला कदम होता है जिसे बच्चा प्राप्त करता है तो वह उपरोक्त दर्शाए दक्षताओं तथा दक्षताओ के माध्यम से पाठ्यचर्या के लक्ष्य तक पहुँचने और अंततः शिक्षा के उद्देश्यों तक पहुँचने के लिए बच्चों को तैयार करने का एक महत्वपूर्ण कदम होता है। नीचे दिए बॉक्स में हम देख सकते हैं कि शिक्षा के उद्देश्य-पाठ्यचर्या के लक्ष्य-दक्षताएँ-सीखने के प्रतिफल के मध्य कैसा संबंध होता है-

NCF Foundational Stage

फाउंडेशनल स्टेज में बच्चों के भाषा शिक्षण एवं साक्षारता के दृष्टिकोण NCF Foundational Stage me bhasha shikshan aur saaksharta seekhane kaa drishtikon

अवधारणाओं को सीखना सीखने का एक महत्वपूर्ण पक्ष है। जिसे बच्चे के लिए अपनी घरेलू भाषा / मातृभाषा  में सीखना आसान होता है। अतः Foundational stage में इस भाषा को महत्वपूर्ण स्थान देना।  इसके अलावा खेल, गतिविधिओं तथा बातचीत कविता, गीत, नाटक एवं उनके अनुभवों को बच्चों की घरेलू भाषा में बेहतर किया जा सकता है।

Pedagogy of Foundational stage

फाउंडेशनल स्टेज की शिक्षा पूरी तरह से बच्चे के समग्र अनुभवों के साथ खेल पर आधारित होगी। क्योंकि यही सत्य है कि बच्चे खेल केमाध्यम से अच्छी तरह से सीखते हैं। जिससे उनका संज्ञानात्मक, सामाजिक-भावनात्मक, शारीरिक सभी आयामों में बच्चे के विकास के लिए उन्‍हें रोचक अनुभव कराया जाएगा, और इसके साथ ही हमारे सभी बच्चों को बुनियादी शिक्षा और संख्यात्मक ज्ञान प्रदान किया जाएगा।

ये फाउंडेशनल स्टेज का पाठ्यचर्या बच्चों के लिए घर जैसे माहौल के साथ-साथ शिक्षकों, माता-पिता और समुदायों की भी भूमिका को स्‍पष्‍ट करेगी। जिसका उद्देश्य है-

  • अच्छा स्वास्थ्य और खुशहाली बनाए रखना,
  • प्रभावकारी संप्रेषक या संवादात्‍मक बनाना, और
  • सक्रिय शिक्षार्थी बनाना।

शिक्षा की नींव चरण (फाउंडेशनल स्टेज) के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा से विस्तार से अवगत होने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें: स्रोत- 

https://ncert.nic.in/pdf/NCF_for_Foundational_Stage_20_October_2022.pdf

By rstedu

This is Radhe Shyam Thawait; and working in the field of Education, Teaching and Academic Leadership for the last 35 years and currently working as a resource person in a national-level organization.

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